tag:blogger.com,1999:blog-1508842530178836412.post3820892119241681563..comments2023-09-26T16:14:28.271+05:30Comments on युवा-मन: ऋतुराज वसंत का आगमनAmit Kumar Yadavhttp://www.blogger.com/profile/13738311398018201654noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-1508842530178836412.post-19148808082863697652009-02-12T11:34:00.000+05:302009-02-12T11:34:00.000+05:30ऋतुराज वसंत का बड़ा सशक्त स्वागत किया है रश्मि जी ...ऋतुराज वसंत का बड़ा सशक्त स्वागत किया है रश्मि जी ने...चलिए हम भी डूब जाएँ इस फिजा में .Amit Kumar Yadavhttps://www.blogger.com/profile/13738311398018201654noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1508842530178836412.post-26751258658144070042009-02-12T11:25:00.000+05:302009-02-12T11:25:00.000+05:30वर्तमान परिवेश से जोड़कर वसंत पर प्रस्तुत अनुपम ले...वर्तमान परिवेश से जोड़कर वसंत पर प्रस्तुत अनुपम लेख..बधाई.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1508842530178836412.post-77283509443380116032009-02-10T12:29:00.000+05:302009-02-10T12:29:00.000+05:30वसंत का आगमन एक नयी उर्ज़ा अपने साथ लाता है. शिश...वसंत का आगमन एक नयी उर्ज़ा अपने साथ लाता है. शिशिर की कपकापाती सर्दी से .थिल हुए शरीर मे नयी उमंगे पैदा होती है . चारो और प्रकृति का मनोहारी बिहंगम द्रश्य देखते ही बनता है. सच ही कहा है यदि मनब अब भी नही चेता तो शायद आने बाली पीढ़ी सिर्फ़ अपनी किताबो मैं ही वसंत का विबरन पढ़ सकेगी क्योंकि यथार्थ मैं इसे देख पाना महसूस करनाअसम्भब होगा. हम युवाओ को ही इसे बचाने के लिए आगे आना होगा ताकि हमारी भाबी पीढ़ी इसका सुख उठा सके. वसंत मैं ही आयातित प्रेम पर्व वेलिंटीन डे मनाया जाता है लेकिन मैं सोचता हूँ क्या हमारा वसंत पंचमी का शुभ दिन किसी प्रेम पर्व से कम है जिस दिन ईश्वर ने भी समय के मह्त्ब को ख़त्म कर दिया है इस दिन कोई भी शुभ मांगलिक कार्य बिना महूर्त के किया जा सकता है सोचो खुद परमपिता ने इस दिन को एक उपहार के रूप मे मनुष्य को दिया ताकि वो इस दिन बिना मुहूर्त के विवाह सुत्र मैं बँध सके. लेकिन हमारी पश्चिम की ओर ताकने बाली युवा पीढ़ी इसका महत्ब नही समझती वो तो बहुरास्त्रीय कंपनियो के दुष्प्रचार मैं भ्रमित.है भारत को भारत ना कह कर यंगीस्तान बनाने मे मशगूल है लस्सी के गिलास की जगह पेप्सी पीने मे ही शान समझ रही है. eklavya29@gmail.comeklavyahttps://www.blogger.com/profile/09493893582594442182noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1508842530178836412.post-28096497049580800232009-02-09T20:35:00.000+05:302009-02-09T20:35:00.000+05:30बचपन में सुने एक गीत के बोल याद आ रहे हैं -नव बसंत...बचपन में सुने एक गीत के बोल याद आ रहे हैं -<BR/><BR/>नव बसंत आया फूल खिले फूल खिले<BR/>भँवरे ने गाया फूल खिले फूल खिले.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1508842530178836412.post-56985545670596232672009-02-09T19:00:00.000+05:302009-02-09T19:00:00.000+05:30मात्र मानव ही नहीं पूरी प्रकृति वसंत के आगोश में स...मात्र मानव ही नहीं पूरी प्रकृति वसंत के आगोश में समा जानी चाहती है. प्रेमी अपनी प्रेमिका को रिझाने लगता है, कवि की अभिव्यक्ति परवान चढ़ने लगती है<BR/>*******************************<BR/>Sundar Bhav-Sundar Rachna.www.dakbabu.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/04376997074873178876noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1508842530178836412.post-18106278085006097822009-02-09T17:47:00.000+05:302009-02-09T17:47:00.000+05:30ऋतुराज वसंत का स्वागत है...सुन्दर पोस्ट.ऋतुराज वसंत का स्वागत है...सुन्दर पोस्ट.Ram Shiv Murti Yadavhttps://www.blogger.com/profile/14132527541648964036noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1508842530178836412.post-15071920450659600212009-02-09T17:18:00.000+05:302009-02-09T17:18:00.000+05:30वसंत-पंचमी का आगाज़ सरस्वती जी की आराधना से आरम्भ ...वसंत-पंचमी का आगाज़ सरस्वती जी की आराधना से आरम्भ होता है तो निराला जी की जयंती भी अब इस मस्तमौले वसंत के आगाज़ के साथ ही मनाये जानी लगी है. आज के सबसे प्रसिद्द गीतकार गोपाल दास 'नीरज'' जी की जन्म-तिथि भी इसी दौरान पड़ती है. <BR/>______________________________<BR/>बहुत सुन्दर लिखा आपने रश्मि जी. इस रुचिकर जानकारी के लिए धन्यवाद.Bhanwar Singhhttps://www.blogger.com/profile/15075816337973720075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1508842530178836412.post-70781448167138476742009-02-09T17:09:00.000+05:302009-02-09T17:09:00.000+05:30नीरज जी के वसंत से जुडाव के बारे में पता नहीं था. ...नीरज जी के वसंत से जुडाव के बारे में पता नहीं था. वसंत पर भावनाएं बांटने के लिए स्वागत मेरे ब्लॉग 'धरोहर' पर भी.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1508842530178836412.post-42953642010639103052009-02-08T18:58:00.000+05:302009-02-08T18:58:00.000+05:30वाह रश्मि जी ! एक लम्बे समय बाद आयीं पर ऋतुराज वसं...वाह रश्मि जी ! एक लम्बे समय बाद आयीं पर ऋतुराज वसंत के साथ आयीं, बहुत खूब.सक्रियता बनी रहे तो बेहतर है.Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1508842530178836412.post-8658072327623491972009-02-08T18:56:00.000+05:302009-02-08T18:56:00.000+05:30ऋतुराज वसंत के आगमन पर बड़ी भावों भरी बात.पढ़कर दि...ऋतुराज वसंत के आगमन पर बड़ी भावों भरी बात.पढ़कर दिल खुश हो गया.चलिए इसे अब जी लेते हैं...Dr. Brajesh Swaroophttps://www.blogger.com/profile/17791749899067207963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1508842530178836412.post-78914895587448721262009-02-08T18:53:00.000+05:302009-02-08T18:53:00.000+05:30तो आइये इसे जी भर कर जी लेते हैं. पता नहीं कब यह ख...तो आइये इसे जी भर कर जी लेते हैं. पता नहीं कब यह ख़त्म हो जाय. जिस तरह से पारिस्थितिक असंतुलन पैदा हो रहा है, उसमें सदैव यह भय बना रहता है कि ऋतुराज कितने दिन के मेहमान हैं....बड़ी उम्दा बात कही आपने..स्वागत है !!Anonymousnoreply@blogger.com