शुक्रवार, 1 जनवरी 2010

वर्ष नव, हर्ष नव, जीवन उत्कर्ष नव !

******आप सभी को नववर्ष-2010 की ढेरों शुभकामनायें******

वर्ष नव,
हर्ष नव,
जीवन उत्कर्ष नव।

नव उमंग,
नव तरंग,
जीवन का नव प्रसंग।

नवल चाह,
नवल राह,
जीवन का नव प्रवाह।

गीत नवल,
प्रीत नवल,
जीवन की रीति नवल,
जीवन की नीति नवल,
जीवन की जीत नवल!

(हरिवंशराय बच्चन जी के संग्रह सतरंगिनी से साभार)

8 टिप्‍पणियां:

  1. आपको और आपके परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो!

    जवाब देंहटाएं
  2. आपको नव वर्ष 2010 की हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  3. एक साल सिरहाने रख कर
    एक याद पेतानें रख कर
    चला गया ये साल ये चला गया
    ख़ाली से पैमाने रख कर
    भरे भरे अफसाने रख कर
    चला गया ये साल ये चला गया
    भूरे बिसरे गाने रख कर
    गानों मै कुछ मानें रख कर
    चला गया ये साल ये चला गया
    नीली आखें चिठ्ठी रख कर
    इमली कुछ खट्टी मीठी रख कर
    शुभ संकेतों बाले मुह मै
    बस तोढ़ी से मिटटी रख कर
    बच्चों के दास्तानें रख कर
    सच को सोलह आने रख कर
    चला गया ये साल ये चला गया !
    ....नए साल की बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  4. रोचक... ,नववर्ष की शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  5. नए साल पर इतना रोचक पढ़कर मन गदगद हो गया.क्या लिखा है, जादू है.

    नववर्ष की शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  6. jeevan ki jeet naval...
    badhai ho aapko nav varsh ki aur sudar lekhni ki...

    जवाब देंहटाएं
  7. आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं