बचपन भला किसे नहीं भाता. हम कितने भी बड़े हो जाएँ, पर बचपन की यादें कभी नहीं भूलतीं. हमारे अंतर्मन में एक बच्चा सदैव जीवंत रहता है, जरुरत बस उसे खोजने की है. कई बार जब हम उदासी के दरमियाँ होते हैं, तो अचानक बचपन से जुडी कोई याद हमें गुदगुदा जाती है. आजकल के बच्चे भी तो काफी फास्ट हो गए हैं. ब्लॉग जगत में उनके बनाये चित्र दिखने लगे हैं तो उनकी प्यारी-प्यारी अभिव्यक्तियाँ भी रंग बिखेरनी लगी हैं. 'बाल-दुनिया' में बच्चों की बातें होंगी, बच्चों के बनाये चित्र और रचनाएँ होंगीं, उनके ब्लॉगों की बातें होगीं, बाल-मन को सहेजती बड़ों की रचनाएँ होंगीं और भी बहुत कुछ....पर यह सब हम अकेले नहीं कर सकते, इसलिए हमें आप सभी के सहयोग की भी जरुरत पड़ेगी। 'बाल-दुनिया' हेतु बच्चों से जुडी रचनाएँ, चित्र और बच्चों के बारे में जानकारियां आमंत्रित हैं. आशा है आप सभी का सहयोग हमें मिलेगा.आप इसे hindi.literature@yahoo.com पर भेज सकते हैं.
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4 टिप्पणियां:
बाल-दुनिया..स्वागत है.
मैं भी अपनी ड्राइंग भेजूंगी...
बच्चों से तो मुझे बहुत लगाव है..आता रहूँगा.
Bahut sundar Blog..badhai.
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