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शनिवार, 26 सितंबर 2009

रक्तदान के सम्बन्ध में जागरूक करने की जरुरत

क्या आपने कभी रक्तदान किया है ? यह सवाल अक्सर लोग पूछते हैं। रक्तदान वास्तव में किसी को जीवन दान ही है। आधा लीटर रक्त तीन लोगों का जीवन बचा सकता है और एक यूनिट ब्लड में 450 मि0ली0 रक्त होता है। जानकर आश्चर्य होगा कि विश्व में प्रतिवर्ष 8 करोड़ यूनिट से ज्यादा रक्त, रक्तदान से जमा होता है। इसमें विकासशील देशों का योगदान 38 प्रतिशत होता है, जबकि यहाँ दुनिया कि 82 प्रतिशत आबादी रहती है.पर दुर्भाग्यवश अपना भारत इसमें काफी पिछड़ा हुआ है या यूँ कहें कि लोग जागरूक नहीं हैं। हर वर्ष भारत को 90 लाख यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, पर जमा मात्र 60 लाख यूनिट की हो पाता है। राज्यवार गौर करें तो सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य उ0प्र0 स्वैच्छिक रक्तदान के मामले में पिछडे़ राज्यों में शामिल है, जहाँ मात्र 16 प्रतिशत लोग स्वैच्छिक रक्तदान में रूचि दिखाते हैं।

मेघालय में 10, मणिपुर में 10.08, उ0प्र0 में 16 व पंजाब 19.04 प्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदान के साथ निचले पायदान पर तो पश्चिम बंगाल (87.6), त्रिपुरा (84), तमिलनाडु (83), महाराष्ट्र (78), चण्डीगढ़ (75) की गिनती बेहतर राज्यों में की जाती है। 2433 ब्लड बैंक भी हमारी जरूरत को नहीं पूरा कर पाते। नतीजन कहीं नकली खून का कारोबार बढ़ रहा है तो कहीं रक्तदान के नाम पर गोरखध्ंधा चल रहा है।

जरूरत है इस संबंध में लोगों को जागरूक करने की और स्वयं पहल करने की ताकि स्वैच्छिक रक्तदान की प्रक्रिया को बढ़ाया जा सके और रक्त के अभाव में किसी को जीवन का दामन न छोड़ना पड़े। याद आती हैं कवि दिनेश रघुवंशी की कुछ पंक्तियाँ-

मैं हूँ इंसान और इंसानियत का मान करता हूँ,
किसी की टूटती सांसों में हो फिर से नया जीवन
मैं बस यह जानकर अक्सर 'लहू' का दान करता हूँ !!


आकांक्षा यादव

6 टिप्‍पणियां:

Amit Kumar Yadav ने कहा…

Nice Post...Young-Generation ko is or motivate karne ki jarurat hai.

Bhanwar Singh ने कहा…

रक्तदान-महादान.....सारगर्भित पोस्ट.

शरद कुमार ने कहा…

ब्लॉग की दुनिया का यही कमाल है कि वहां सिर्फ साहित्य-संस्कृति नहीं बल्कि समाज को जगाती रचनाएँ भी हैं. आपकी यह पोस्ट वाकई विचार करने पर मजबूर करती है.

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

आज रक्तदान के बारे में इतनी भ्रांतियां है की पूछो मत,लोग रक्तदान से कतरातें है ,आशा है ये आलेख उन्हें जागरूक करेगा...!युवाओं को तो अवश्य ही रक्तदान करते रहना चाहिए...

बेनामी ने कहा…

मैं हूँ इंसान और इंसानियत का मान करता हूँ,
किसी की टूटती सांसों में हो फिर से नया जीवन
मैं बस यह जानकर अक्सर 'लहू' का दान करता हूँ !! ........दिल को छूती हैं पंक्तियाँ...लाजवाब पोस्ट आकांक्षा जी.

Akhilesh pal blog ने कहा…

aap kee soch tatha aap ka blog ati uttam hai danyavad