चिट्ठियाँ लिखना और पढ़ना किसे नहीं भाता। शब्दों के विस्तार के साथ बहुत सी अनकही भावनाएं मानो इन चिट्ठियों में सिमटती जाती हैं। यही कारण है कि पत्र लेखन विधा को प्रोत्साहित करने के लिए हर वर्ष यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर 15 वर्ष तक के बच्चों के लिए पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। 5 जनवरी 2014, रविवार को इस 43वीं यूपीयू पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन इलाहाबाद में भी किया गया, जिसका विषय था ”संगीत जीवन को कैसे छूता है।’'। इसमें इलाहाबाद, प्रतापगढ, वाराणसी, व गाजीपुर जनपदों के प्रतियोगी शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभांरभ इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने किया।
इस अवसर पर निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि पत्रों का संवेदनाओं से गहरा रिश्ता है। पत्र लेखन एक प्रकार का चिंतन है, जो मस्तिष्क को स्थिरता देता है। आज हाई-टेक होते इस दौर में कलम का स्थान की-बोर्ड ने ले लिया है। फेसबुक और टिवट्र पर दिनभर की अपडेट देने वाले भी एक तरह से चिट्ठियाँ लिखते हैं। फर्क मात्र इतना है कि वे हाथ से लिखी गयी चिट्ठियाँ थी और यह स्मार्टफोन, टेबलेट और लैपटाॅप पर लिखी गयी हैं। पत्र लिखना जितना मायने रखता है, उतना ही उसे पढ़ना भी। पत्रों का काम मात्र सूचना देना ही नहीं बल्कि इनमें एक अजीब रहस्य या गोपनीयता, संग्रहणीयता, लेखन कला एवं अतीत को जानने का भाव भी छुपा होता है। श्री यादव ने कहा कि पत्र-लेखन साहित्य की एक गंभीर विधा भी है। पत्रों की महत्ता के मद्देनजर ही एन0सी0ई0आर0टी0 ने पहल कर कक्षा आठ के पाठ्यक्रम में ‘‘चिट्ठियों की अनोखी दुनिया‘‘ नामक अध्याय को शामिल किया। श्री यादव ने बताया कि यह अनायास ही नहीं था कि अन्तरिक्ष-प्रवास के समय सुनीता विलियम्स अपने साथ भगवद्गीता और गणेशजी की प्रतिमा के साथ-साथ पिताजी के हिन्दी में लिखे पत्र ले जाना नहीं भूलती।
डाक निदेशक श्री यादव ने बताया कि पत्र लेखन प्रतियोगिता में 95 प्रतियोगियों ने भाग लिया। जिसमें सेंट जोसेफ कालेज, इलाहाबाद से 33, बिशप जानसन स्कूल एवं कालेज से 01, गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कालेज, इलाहाबाद से 01, ग्लेनफिल स्कूल, मडुवाडीह, वाराणसी से 37, सेंट अतुलानन्द कान्वेंट स्कूल वाराणसी से 17, इण्टरमीडिएट कालेज प्रतापगढ़ से 01 व लाउडेस कान्वेन्ट गर्ल्स इंटर कालेज गाजीपुर से 05 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। पत्र अंग्रेजी या संविधान की आठवीं सूची में निर्दिष्ट किसी भी भाषा में 800 शब्दों की सीमा में लिखना था।
निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि पत्र लेखन प्रतियोगिता का मूल्यांकन परिमण्डलीय स्तर पर लखनऊ में किया जायेगा तथा श्रेष्ठ तीन पत्र लेखन को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मिलित करने हेतु डाक निदेशालय, नई दिल्ली भेजा जायेगा। राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ तीन प्रतियोगियों को क्रमशः रू0 2000, रू0 1500 व रू0 1000 का प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्रमाणपत्र सहित दिया जायेगा। राष्ट्रीय स्तर के श्रेष्ठ पत्र लेखन को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के पास आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में भेजा जायेगा।
इस अवसर पर प्रवर अधीक्षक डाकघर श्री रहतमउल्लाह, सहायक निदेशक श्री टी बी सिंह, सहायक डाक अधीक्षक (मुख्यालय) श्री आर एन यादव सहित तमाम अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।
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