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सोमवार, 20 जुलाई 2009

प्रतियोगी परीक्षाओं में महिलाओं की फीस माफ

केंद्र सरकार अपने यहां होने वाली नियुक्तियों के मामले में महिलाओं पर खासा मेहरबान हो गई है। अब केंद्र द्वारा संचालित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में महिलाएं बगैर कोई फीस दिए शामिल हो सकती हैं। यानी उनकी फीस माफ कर दी गई है। सरकार की ओर से कहा गया है कि संघ लोक सेवा आयोग [यूपीएससी] व कर्मचारी चयन आयोग [एसएससी] द्वारा आयोजित होने वाली सीधी भर्ती, विभागीय प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए महिला प्रत्याशियों को अब फीस नहीं देनी होगी। इसके साथ ही आयोग द्वारा लिए जाने वाले साक्षात्कार के लिए भी उन्हें कोई फीस नहीं देना पड़ेगा। हाल ही में केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागीय सचिवों, यूपीएससी और कर्मचारी चयन आयोग के संबंधित अधिकारियों को इस बारे में एक पत्र लिखा है। इसमें केंद्र सरकार की नौकरियों में महिलाओं को ईमानदारी पूर्वक बेहतर प्रतिनिधित्व देना सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।

सरकारी दिशा-निर्देशों की श्रृंखला में यह भी कहा गया है कि चयन समिति का संयोजन ऐसे किया जाना चाहिए ताकि उसमें महिलाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके। दस या उससे अधिक रिक्तियों के लिए चयन समिति का जब गठन हो तो उसमें एक महिला सदस्य का होना अनिवार्य हो। महिलाओं की नियुक्ति के रुझान पर नजर रखने के लिए सभी मंत्रालयों और विभागों से 31 अगस्त तक कुल पदों व कर्मचारियों की संख्या पर सिलसिलेवार रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त संबोधन के दौरान सरकारी नौकरियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए ठोस उपाय करने को कहा था। इसी के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकार नौकरियों में शारीरिक रूप से अपंग व्यक्तियों का भी विशेष ध्यान रख रही है। हाल के आदेश में कहा गया है कि नौकरी में आने के बाद अपंग हो जाने वाला सरकारी कर्मचारी जिस दिन इसका उचित प्रमाण पेश कर दे, उसी दिन से वह विकलांग कोटे में आरक्षण का लाभ पाने का हकदार होगा।
(साभार: जागरण)
आकांक्षा यादव

6 टिप्‍पणियां:

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

बहुत ही अच्छा प्रयास है ये जिससे महिला शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा..साथ ही में नौकरियों में महिलाओं की संख्या बढेगी....!

शरद कुमार ने कहा…

Pratiyogi parikshaon me mahilaon ki fees maph hone ki mahatwapurna jankari prapt huyee esese nimn varg mahilaon ko dikkat ka samna nahi karna padega.Dhanyawad

S R Bharti ने कहा…

Yah to bahut achha hua...mahilaon ke bina samaj adhura hai.

KK Yadav ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
KK Yadav ने कहा…

Aji apne to badi pragtisheel bat batai..abhar.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

खुशामदी...सरकार के मुखिया को बधाई.