पहली नजर में यह आश्चर्यजनक लगता है पर वाकई सच है। एक बलात्कारी आई0ए0एस0 अधिकारी हो गया है और इसी बिना पर उसकी सजा भी माफ हो गई है। इस बलात्कारी का नाम अशोक राय है और उसने ट्यूशन पढ़ाने के दौरान सुनीता नामक लड़की से लम्बे समय तक बलात्कार किया और फिर अपने दोस्त से भी उसका शारीरिक शोषण करवाया। बदनामी के डर से सुनीता ने अप्रैल 2003 में सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या कर ली। फिलहाल मामले में पुलिस केस बना और दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने बलात्कारी अशोक राय को वर्ष 2008 में 10 साल कैद की सजा सुनाई। कैद के दौरान अशोक ने आई0ए0एस0 की परीक्षा सफलतापूर्वक पास कर ली जिसके आधार पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने 9 फरवरी में उसकी सजा माफ कर दी। उस समय तक अशोक की कुल 5 वर्ष 6 माह तिहाड़ जेल में बिताये। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में इस सजा को पर्याप्त माना।
फिलहाल राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है एवं सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। राष्ट्रीय महिला आयोग का स्पष्ट मानना है कि उच्च न्यायालय के इस फैसले से समाज में गलत संदेश जाएगा। आई0ए0एस0 परीक्षा पास करना बलात्कार की सजा कम करने के लिए ‘पर्याप्त‘ और ‘विशेष‘ कारण नहीं हो सकता। वह भी तब जब बलात्कार के मामले में न्यूनतम सजा सात वर्ष हो। आयोग ने कहा है कि उच्च न्यायालय का यह फैसला संविधान में महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा अधिकारों के विरूद्ध है। साथ ही यह सुप्रीम कोर्ट के सिद्वांतों के खिलाफ भी है जिसमें कहा गया है कि एक बार बलात्कार में दंडित होने के बाद दोषी के साथ सख्ती से पेश आना चाहिए।
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8 टिप्पणियां:
एक और मजाक ..क्या कहा जाय इस पर ??
IAS एक महत्वपूर्ण पद है. उस पर ऐसे लोगों की नियुक्ति तकलीफ देती है.
इस घटना की कुछेक अख़बारों में मैंने भी चर्चा देखी थी...पर ऐसा लगा कि इसे समुचित जगह नहीं दी गयी.कारण जो भी हों...
इस घटना की कुछेक अख़बारों में मैंने भी चर्चा देखी थी...पर ऐसा लगा कि इसे समुचित जगह नहीं दी गयी.कारण जो भी हों...
ऐसे मामले में संघलोक सेवा आयोग द्वारा चयन कर लिए जाने के बाद IAS की नियुक्ति के लिए संस्तुति कर दिया जाना आश्चर्यजनक है। क्या नियुक्ति के पूर्व पुलिस वेरिफ़िकेशन नहीं होता ??
So bad...
इस मुद्दे पर नारी-शक्ति को एकजुट होने की जरुरत है...अन्यथा यूँ ही ही उसका मजाक बनता रहेगा.
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