(हिंदी-ब्लागिंग को कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा जी ने कई नए
आयाम दिए हैं..उसी कड़ी में ब्लागिंग के प्रति समर्पित दम्पति कृष्ण कुमार और
आकांक्षा जी को उ.प्र. के मुख्यमंत्री द्वारा 'अवध सम्मान' से अलंकृत करने पर
हार्दिक बधाइयाँ.)
जीवन में कुछ करने की चाह हो तो रास्ते खुद-ब-खुद बन
जाते हैं। हिन्दी-ब्लागिंग के क्षेत्र में ऐसा ही रास्ता अखि़्तयार किया दम्पति
कृष्ण कुमार यादव व आकांक्षा यादव ने। उनके इस जूनून के कारण ही आज हिंदी ब्लागिंग
को आधिकारिक तौर पर भी विधा के रूप में मान्यता मिलने लगी है. इसी क्रम में उत्तर
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने 1 नवम्बर, 2012 को इलाहाबाद परिक्षेत्र
के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव और उनकी पत्नी आकांक्षा यादव को ‘न्यू
मीडिया एवं ब्लागिंग’ में उत्कृष्टता के लिए एक भव्य कार्यक्रम में ‘अवध सम्मान’ से
सम्मानित किया गया. जी न्यूज़ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन ताज होटल, लखनऊ
में किया गया था, जिसमें विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित
किया गया, पर यह पहली बार हुआ जब किसी दम्पति को युगल रूप में यह प्रतिष्ठित सम्मान
दिया गया. ब्लागर दम्पति को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जहाँ
न्यू मीडिया के रूप में ब्लागिंग की सराहना की, वहीँ कृष्ण कुमार यादव ने अपने
संबोधन में उनसे उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा दिए जा रहे सम्मानों में
‘ब्लागिंग’ को भी शामिल करने का अनुरोध किया. आकांक्षा यादव ने न्यू मीडिया और
ब्लागिंग के माध्यम से भ्रूण-हत्या, नारी-उत्पीडन जैसे मुद्दों के प्रति सचेत करने
की बात कही. अन्य सम्मानित लोगों में वरिष्ठ साहित्यकार विश्वनाथ त्रिपाठी, चर्चित
लोकगायिका मालिनी अवस्थी, ज्योतिषाचार्य पं. के. ए. दुबे पद्मेश, वरिष्ठ आई.एस.
अधिकारी जय शंकर श्रीवास्तव इत्यादि प्रमुख रहे.
जीवन में एक-दूसरे का साथ निभाने की कसमें खा चुके
कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव, साहित्य और ब्लागिंग में भी हमजोली बनकर उभरे
हैं. कृष्ण कुमार यादव ब्लागिंग और हिन्दी-साहित्य में एक चर्चित नाम हैं, जिनकी 6
पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । उनके जीवन पर एक पुस्तक ’बढ़ते चरण शिखर की ओर’ भी
प्रकाशित हो चुकी है। आकांक्षा यादव भी नारी-सशक्तीकरण को लेकर प्रखरता से लिखती
हैं और उनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । कृष्ण कुमार-आकांक्षा यादव ने वर्ष
2008 में ब्लाग जगत में कदम रखा और 5 साल के भीतर ही सपरिवार विभिन्न विषयों पर
आधारित दसियों ब्लाग का संचालन-सम्पादन करके कई लोगों को ब्लागिंग की तरफ प्रवृत्त
किया और अपनी साहित्यिक रचनाधर्मिता के साथ-साथ ब्लागिंग को भी नये आयाम दिये।
कृष्ण कुमार यादव का ब्लॉग ‘शब्द-सृजन की ओर’ (http://www.kkyadav.blogspot.in/) जहाँ उनकी
साहित्यिक रचनात्मकता और अन्य तमाम गतिविधियों से रूबरू करता है, वहीँ ‘डाकिया डाक
लाया’ (http://dakbabu.blogspot.in/) के माध्यम से वे
डाक-सेवाओं के अनूठे पहलुओं और अन्य तमाम जानकारियों को सहेजते हैं. आकांक्षा यादव
अपने व्यक्तिगत ब्लॉग ‘शब्द-शिखर’ (http://shabdshikhar.blogspot.in/) पर साहित्यिक
रचनाओं के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों और विशेषत: नारी-सशक्तिकरण को लेकर काफी मुखर
हैं. इस दम्पति के ब्लागों को सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भरपूर सराहना
मिली। कृष्ण कुमार यादव के ब्लाग ’डाकिया डाक लाया’ को 98 देशों, ’शब्द सृजन की ओर’
को 75 देशों, आकांक्षा यादव के ब्लाग ’शब्द शिखर’ को 68 देशों में देखा-पढ़ा जा
चुका है. सबसे रोचक तथ्य यह है कि यादव दम्पति ने अभी से अपनी सुपुत्री अक्षिता
(पाखी) में भी ब्लागिंग को लेकर जूनून पैदा कर दिया है. पिछले वर्ष ब्लागिंग हेतु
भारत सरकार द्वारा ’’राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’’ से सम्मानित अक्षिता (पाखी) का ब्लाग
’पाखी की दुनिया’ (http://pakhi-akshita.blogspot.in/) बच्चों के
साथ-साथ बड़ों में भी काफी लोकप्रिय है और इसे 98 देशों में देखा-पढ़ा जा चुका है।
इसके अलावा इस ब्लागर दम्पति द्वारा ‘उत्सव के रंग’, ‘बाल-दुनिया’, ‘सप्तरंगी
प्रेम’ इत्यादि ब्लॉगों का भी सञ्चालन किया जाता है.
4 टिप्पणियां:
ब्लागिंग में उत्कृष्ट कार्य हेतु कृष्ण कुमार-आकांक्षा यादव को उ. प्र. के मुख्यमंत्री द्वारा 'अवध सम्मान'. बेहद गर्व की बात है..कृष्ण-आकांक्षा दोनों को हार्दिक आशीर्वाद और स्नेह.
बहुत बहुत शुभकामनाएं
Proud of u mama-Papa..congts. a lot with lot of love.
कृष्ण कुमार जी और आकांक्षा जी को को टी. वी पर मुख्यमंत्री जी से सम्मान ग्रहण करते लाइव देखना बहुत अच्छा लगा।जीवंत प्रसारण।
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