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गुरुवार, 5 मई 2011

सम्मान




हिंदी साहित्य निकेतन, परिकल्पना डॉट कॉम और नुक्कड़ डॉट कॉम की त्रिवेणी द्वारा हिंदी भवन, नई दिल्ली में 30 अप्रैल, 2011 को आयोजित भव्य अन्तराष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मलेन में अक्षिता यादव (पाखी) को श्रेष्ठ नन्हीं ब्लॉगर हेतुहिंदी साहित्य निकेतन परिकल्पना सम्मान-2010” अवार्ड दिया गया। यह पुरस्कार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री रमेश पोखरियालनिशंकद्वारा चर्चित साहित्यकार अशोक चक्रधर, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामदरश मिश्र, प्रभाकर श्रोत्रिय जैसे गणमान्य साहित्यकारों की गौरवमयी उपस्थिति में दिया गया।

गौरतलब है कि इस अवसर पर हिन्दी ब्लॉगिंग के उत्थान में अविस्मरणीय योगदान हेतु 51 हिंदी ब्लॉगरों कोहिंदी साहित्य निकेतन परिकल्पना सम्मान-2010” से सम्मानित किया गया, जिसके अंतर्गत स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र, पुस्तकें और एक निश्चित धनराशि भी दी गई। इस सूची में सर्वप्रथम नाम अक्षिता का था। सम्मान पाने वालों में अक्षिता सबसे कम उम्र की थी। 25 मार्च 2007 को कानपुर में जन्मीं अक्षिता वर्तमान में कार्मेल स्कूल, पोर्टब्लेयर में के.जी.-प् में पढ़ती है। अक्षिता का ब्लॉग 24 जून 2009 कोपाखी की दुनिया
नाम से अस्तित्व में आया। इस ब्लॉग पर अंडमान के बारे में भी काफी जानकारियां और फोटोग्राफ हैं, जिसे पाठक काफी उत्सुकता से पढ़ते और सराहते हैं। आज इस ब्लॉग पर 150 से भी ज्यादा पोस्ट प्रकाशित हो चुकी हैं और 140 से ज्यादा लोग इसका अनुसरण करते हैं। इस ब्लॉग का संचालन अक्षिता के मम्मी-पापा द्वारा किया जाता है। अक्षिता के पिता श्री कृष्ण कुमार यादव अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएं पद पर पदस्थ हैं मम्मी श्रीमती आकांक्षा यादव 0प्र0 के एक कॉलेज में प्रवक्ता हैं। दिल्ली से प्रकाशित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय हिंदी दैनिकहिन्दुस्तानने अक्षिता के लिए लिखा कि- ‘‘अक्षिता की उम्र तो बेहद कम है, लेकिन हिन्दी ब्लॉगिंग में वो एक जाना-पहचाना नाम बन चुकी है। अक्षिता का ब्लॉग बेहद पापुलर है और फिलहाल हिन्दी के टॉप 100 ब्लॉगों में से एक है। अक्षिता की तस्वीर बच्चों की एक पुस्तक के कवर पर भी छप चुकी है।

इससे पूर्व अक्षिता (पाखी) को लोकसंघर्ष-परिकल्पना द्वारा आयोजित और लखनऊ ब्लॉगर्स एसोसिएशन द्वारा सहप्रयोजित ब्लॉगोत्सव-2010 में प्रकाशित रचनाओं की श्रेष्ठता के आधार पर वर्ष 2010 के लिए श्रेष्ठ नन्हीं ब्लॉगर का खिताब भी मिल चुका है।

दुर्भाग्यवश पायलटों की हताल के चलते ऐनवक्त पर फ्लाईट कैंसिल हो जाने के चलते अक्षिता पोर्टब्लेयर से सम्मान ग्रहण करने नहीं जा सकीं, अत उनकी अनुपस्थिति में यह सम्मान उनके चाचा श्री अमित कुमार यादव, जो की युवा-मन ब्लॉग के संयोजक भी हैं; ने ग्रहण किया।

आपको बताता चलूँ कि मैं भी अक्षिता से ब्लोगिंग सीखता रहता हूँ। इस सम्मान पर अक्षिता को ढेरों बधाई और प्यार।
एम अफसर खान सागर

8 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

पाखी को बहुत बहुत बधाई।

Shahroz ने कहा…

वाह पाखी के तो जलवे हैं. आखिर सबकी लाडली ब्लागर जो हैं.मुबारकवाद.

Shahroz ने कहा…

सागर जी, आपने सटीक लेखनी चलाई. आपको भी मुबारकवाद.

Shyama ने कहा…

इसे कहते हैं पूत के पांव पालने में. नन्हीं अक्षिता को बधाई. यूँ ही तरक्की करो आप.

Shyama ने कहा…

के.के. जी और आकांक्षा जी ने बिटिया पाखी को जो संस्कार और परिवेश दिया है, वाकई अनुकरणीय है. उन्हें श्रद्धावत नमन. .

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

पाखी बिटिया ने तो कमाल ही कर दिया. बस ऐसे ही पाखी जीवन में हर ऊंचाई को छुए, यही दादा-दादी की तमन्ना और आशीर्वाद भी.

Unknown ने कहा…

पढ़कर सीना गर्व से चौड़ा हो गया. आखिर हमने पाखी को तब साक्षात् देखा है, जब वह मात्र ६ दिनों की थी, फिर तो कई बार मुलाकात हुई. ..ह्रदय का हर कोना जी भर कर आशीर्वाद दे रहा है पाखी को.

Bhanwar Singh ने कहा…

वाकई यह विलक्षण उपलब्धि है. अक्षिता को ढेरों बधाई.