कहते हैं प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती। इसका साक्षात उदाहरण है 8 साल का अमन रहमान। यह होनहार बालक देहरादून के कालेज आफ इंट्रेक्टिव आट्र्स में कम्प्यूटर से निर्मित जीव प्रोत्साहन फिल्म पर स्नातक छात्रों को पढ़ा रहा है। अपनी उम्र से दुगुने बीएससी लेवल के छात्र-छात्राओं को एनिमेशन के गुर सिखाने वाले इस अद्भुत प्रतिभा को देखकर अच्छे-अच्छे दांतो तले अंगुली दबा लेते हैं। चुक्खूवाला में एक छोटे से स्कूटर मैकेनिक एम0 रहमान के घर 26 जुलाई 2000 में जन्मे सेंट थामस के कक्षा चार के छात्र अमन को अपने भाई को कम्प्यूटर से जूझते देख इसका शौक जगा। पिता ने मोहित के लिए सेकंड हैंड कम्प्यूटर खरीदा था लेकिन उस पर कब्जा जमा लिया अमन ने। लिहाजा, अब कम्प्यूटर था और अमन। अंगुलियों ने वह जादू जगाया कि बड़े-बड़े उसके कायल हो गए। बेसिक सीख जल्द ही वह पिता से तमाम साटवेयर लाने की जिद करने लगा। पुत्र की धुन ने पिता को भी उत्साहित कर दिया। हिल्ट्रान सेंटर आॅफ एक्सीलेंस में अपनी मेधा से उसने मल्टीमीडिया में वह स्पीड पकड़ी कि अच्छों-अच्छों की पकड़ से बाहर हो गया। अब तक वह डाटा लाजिस्टिक्स, आजीविका सुधार परियोजना आदि के लिए वेब पेज भी डिजाइन कर चुका है। ‘द एनिमेटर‘ के नाम से मशहूर दून के इस नन्हें जीनियस की आवाज अब लंदन तक जा पहुंची है। लंदन की एक एजेंसी ने अमन की इस खूबी पर समाचार भी प्रकाशित किया है। कालेज ने तो अमन का नाम ‘गिनीज बुक आफ वर्ड रिकॉर्ड ‘ में विश्व के सबसे कम उम्र के प्रवक्ता रूप में शुमार करने की अपील की है। इस 8 वर्षीय नन्हें जीनियस अमन रहमान को ढेरों बधाई.......!!!
आकांक्षा
सोमवार, 19 जनवरी 2009
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12 टिप्पणियां:
Adbhut pratibha...jiyo mere lal.
meri shubhkamnayen,aashirwaad is honhaar bachche ke naam........vilakshan hai yah , khoob aage jaye
सही कहा आपने प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती। 8 साल का अमन रहमान इसका साक्षात उदाहरण है....इस उपलब्धि पर ढेरों बधाई और आकांक्षा जी को इस अनुपम पोस्ट के लिए साधुवाद !!
‘द एनिमेटर‘ के नाम से मशहूर दून के इस नन्हें जीनियस अमन की आवाज लंदन तक जा पहुंची है। कालेज ने तो अमन का नाम ‘गिनीज बुक आफ वर्ड रिकॉर्ड ‘ में विश्व के सबसे कम उम्र के प्रवक्ता रूप में शुमार करने की अपील की है...Many-many congts.
नन्हीं अंगुलियों ने वह जादू जगाया कि बड़े-बड़े उसके कायल हो गए... भला ऐसी प्रतिभा का कौन कायल न होगा.
सुन्दर जानकारी, अनुपम प्रतिभा !!
...पूत के पांव पालने में ही दिखाई देने लगते हैं.
जानकर बेहद खुशी हुई। इस प्रकार की घटनाओं को देखकर पूर्वजन्म के सिद्धान्त पर यकीन होने लगता है। जो भी हो, अमन को व उसके माता पिता को ढेरों बधाइयां, शुभकामनायें व इस पोस्ट की प्रेषक को भी आभार। देहरादून का हूं, अतः और भी अच्छा लग रहा है। पिछले तीन दशक से बाहर हूं, हमारे जमाने में तो इतने होशियार बच्चे पैदा नहीं हुआ करते थे !
ऐसी खबरों को पढकर यही कहा जा सकता है आश्चर्यजनक किन्तु सत्य।
Akanksha ji,
Is blog par pahlee bar ayee hoon.Aman rahman ke bare men padh kar garva hua ki hamare desh men aisee bhee pratibhayen hain.Aman ko dheron asheervad.
Isee tarah ke pratibhashalee kishor Babar ..ke bare men creativekona blog par padha tha.hamen aisee pratibhaon ke bare men jankaree dene valee poston ko sanklit karna chahiye.apko bhee badhai is pratibha ko samne lane ke liye .
Poonam
pratibhaa umr kee mohtaaz nahee hotee. jaroorat hai use sahaj protsahan roopee khaad kee.
आप जिन जिन की रचनाधर्मिता के कायल हैं उनमें से एक मैं भी हूं । आपका सामूहिक प्रयास ‘युवा’ देखा और यकीन मानिए मैं भी आपकी रचनाधर्मिता का कायल हो गया।
धन्यवाद।
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