मंगलवार, 14 सितंबर 2010
हिंदी दिवस पर एक सन्देश...
आज हिंदी दिवस है. अपने देश में हिंदी की क्या स्थिति है, यह किसी से छुपा नहीं है. हिंदी को लेकर तमाम कवायदें हो रही हैं, पर हिंदी के नाम पर खाना-पूर्ति ज्यादा हो रही है. जरुरत है हम हिंदी को लेकर संजीदगी से सोचें और तभी हिंदी पल्लवित-पुष्पित हो सकेगी...! ''हिंदी-दिवस'' की बधाइयाँ !!
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12 टिप्पणियां:
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ....
भाषा का सवाल सत्ता के साथ बदलता है.अंग्रेज़ी के साथ सत्ता की मौजूदगी हमेशा से रही है. उसे सुनाई ही अंग्रेज़ी पड़ती है और सत्ता चलाने के लिए उसे ज़रुरत भी अंग्रेज़ी की ही पड़ती है, ''हिंदी-दिवस'' की बधाइयाँ !!
एक बार इसे जरुर पढ़े, आपको पसंद आएगा :-
(प्यारी सीता, मैं यहाँ खुश हूँ, आशा है तू भी ठीक होगी .....)
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_14.html
हिंदी तो अपनी मातृभाषा है, इसलिए इसका सम्मान करना चाहिए. हिंदी दिवस पर आप सभी को ढेरों बधाइयाँ और प्यार !!
''हिंदी-दिवस'' पर सुन्दर और सार्थक सन्देश ....शुभकामनायें.
I appreciate your lovely post.
sundar lekh.
राजभाषा -मातृभाषा हिंदी के प्रति आपकी भावनाएं उत्तम हैं.
राजभाषा -मातृभाषा हिंदी के प्रति आपकी भावनाएं उत्तम हैं.
अमित भाई,
आरज़ू चाँद सी निखर जाए, ज़िन्दगी रौशनी से भर जाए।
बारिशें हों वहाँ पे खुशियों की, जिस तरफ आपकी नज़र जाए।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ।
पहली बार आपका ब्लाग देखा। बहुत अच्छा लिखते हैं बधाई।
अपको जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई और आशीर्वाद।
@ रजनीश जी,
@ निर्मला कपिला जी,
जन्मदिवस की शुभकामनाओं और आप सभी के स्नेह के लिए आभारी हूँ.
आपको भी हिंदी दिवस की बधाई |
आपका कहना बिलकुल सही है | हिंदी के सम्पूर्ण विकास की जिम्मेदारी हम हिंदी भाषियों को ही उठानी होगी |
मेरे ब्लॉग में भी आयें |
मेरी कविता:राष्ट्रभाषा हिंदी
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