मंगलवार, 13 जनवरी 2009
स्वामी विवेकानंद
आज भी परिभाषित है
उसकी ओज भरी वाणी से
निकले हुए वचन ;
जिसका नाम था विवेकानंद !
उठो ,जागो , सिंहो ;
यही कहा था कई सदियाँ पहले
उस महान साधू ने ,
जिसका नाम था विवेकानंद !
तब तक न रुको ,
जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो ...
कहा था उस विद्वान ने ;
जिसका नाम था विवेकानंद !
सोचो तो तुम कमजोर बनोंगे ;
सोचो तो तुम महान बनोंगे ;
कहा था उस परम ज्ञानी ने
जिसका नाम था विवेकानंद !
दूसरो के लिए ही जीना है
अपने लिए जीना पशु जीवन है
जिस स्वामी ने हमें कहा था ,
उसका नाम था विवेकानंद !
जिसने हमें समझाया था की
ईश्वर हमारे भीतर ही है ,
और इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है
उसका नाम था विवेकानंद !
आओ मित्रो , हम एक हो ;
और अपनी दुर्बलता से दूर हो ,
हम सब मिलकर ; एक नए समाज ,
एक नए भारत का निर्माण करे !
यही हमारा सच्चा नमन होंगा ;
भारत के उस महान संत को ;
जिसका नाम था स्वामी विवेकानंद !!!
vijay kumar sappatti
+91 9849746500
vksappatti@gmail.com
http://www.poemsofvijay.blogspot.com/
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12 टिप्पणियां:
कुछ भी कहिए लेकिन इस कविता में "जिसका नाम था विवेकानंद" का इतना प्रयोग हुआ कि कविता को स्तरहीन बना गयी । आलोचक तो आलोचना करते ही रहेंगे, चाहे कोई युग हो पर आप लगे रहिए ।
आओ मित्रो , हम एक हो ;
और अपनी दुर्बलता से दूर हो ,
हम सब मिलकर ; एक नए समाज ,
एक नए भारत का निर्माण करे !
यही हमारा सच्चा नमन होंगा ;
भारत के उस महान संत को ;
जिसका नाम था स्वामी विवेकानंद !!!
....khubsurat bhavabhivyakti.
vivekanand ji par achha likha hai..badhai.
स्वामी विवेकानंद की शिक्षा को समाहित करती हुई रचना के लिए साधुवाद.
विवेकानंद जी भारतीयता के शायद सबसे बडे 'आयकन' हैं । आपके माध्यम से उनकी महानता का नमन करने के लिए धन्यवाद।
सादर सहित
........... अतुल
बहुत खूब....पहले के दौर में युवा विवेकानंद को बहुत पढ़ते थे, उन्हें आदर्श मानते थे लेकिन अब गजनी का दौर आ गया है। युवा बॉडी तो बना रहे हैं लेकिन दूसरों को लुभाने के लिए....देश के काम युवा कैसे आ सकता है यह हमें स्वामी विवेकानंद ने सिखाया। स्वामीजी को आज के युवा पढ़ें ये बहुत जरूरी है। स्वामी जी को लेकर आपने बात की उसके लिए धन्यवाद..।
सच में युग पुरूष थे स्वामी विवेकानन्द...सुंदर कविता...बधाई
wonderful sentiments. Useful too if only we would follow what Swami Vivekanand had lived for. But quite ironically, we start worshipping a great person instead of following his teachings. There were some great thinkers who spoke against worshipping idols. We made an idol of that thinker and started worshipping him too! This seems easiest to us.
swami vivekanand sabhi deshwasiyon ke liye prernasrot hai. badhai...
Vivekanand ki baton ko aaj ke yuvaon mein pahuchane ki behad aavashyakta hai. Us disha mein aapka ye pryas sarahneey hai.
आओ मित्रो , हम एक हो ;
और अपनी दुर्बलता से दूर हो ,
हम सब मिलकर ; एक नए समाज ,
एक नए भारत का निर्माण करे !
यही हमारा सच्चा नमन होंगा ;
भारत के उस महान संत को ;
जिसका नाम था स्वामी विवेकानंद !!!
bahut achchee kavita likhi hai..vivekanand ji ki jayanti abhi haal hi mein thi..
जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो–उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं, इस ओर ध्यान मत दो। दुर्बलता को कभी प्रश्रय मत दो। सत्य की ज्योति ‘बुद्धिमान’ मनुष्यों के लिए यदि अत्यधिक मात्रा में प्रखर प्रतीत होती है, और उन्हें बहा ले जाती है, तो ले जाने दो–वे जितना शीघ्र बह जाएँ उतना अच्छा ही है।
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